सिंघाड़ा में आयोडीन की मात्रा अधिक होती है जो समस्त गले के रोगों में लाभकारी है। और थाइरॉइड ग्रंथि को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
सिंघाड़ा शरीर को उर्जा देता है, इसलिए उसे व्रत और उपवास के खाने में भी अलग-अलग तरह से शामिल किया जाता है।
सूखे सिंघाड़ा के आटे का हलवा कुछ दिन खाने से श्वेत प्रदर (सफ़ेद पानी आना ) दूर होता है। इसके अलावा सिंघाड़ा खाने से मासिक धर्म संबंधी समस्याएं भी ठीक होती हैं।
सूखे सिंघाड़ा के आटे की रोटी नित्य ७ दन तक खाने से भी श्वेत प्रदर (सफ़ेद पानी आना ) दूर होता है।
नीबूं के ताज़े रस की खछ बूंदो में सिंघाड़ा घिस कर कुछ दिन लगाने से एक्ज़िमा दूर होता है, ऐसे लगाने पर पहले कुछ जलन होगी पर बाद में ठंडक मिलती है।
सूखे सिंघाड़ा के आटे की फक्की खा कर ऊपर से दूध पीने से वीर्य में वृद्धि होती है।
गर्भावस्था में सिंघाड़े का सेवन करना माता और शिशु के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इससे गर्भपात का खतरा भी कम होता है।
इसमें कैल्शियम भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसे खाने से हड्डियां और दांत दोनों ही मजबूत रहते हैं. साथ ही यह आंखों के लिए भी फायदेमंद है.
बवासीर जैसी मुश्किल समस्याएं भी सिंघाड़े के प्रयोग से ठीक हो सकती हैं। नियमित तौर पर सिंघाड़े का प्रयोग कर आप इससे निजात पा सकते हैं।
सिंघाड़े के ये फायदे कर देंगे आपको हैरान
कृपया ध्यान दें उपलब्ध सभी साम्रगी केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें।
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