कैल्शियम की कमी के लक्षण – calcium deficiency symptoms

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calcium deficiency
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सामान्यतः हमारे शरीर में 1000 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा की आवश्यकता होती है आजकल कैल्शियम और विटामिन डी की कमी सभी में या महिलाओं में पाई जा रही है

कैल्शियम की कमी के लक्षण : calcium deficiency symptoms

शरीर में कैल्शियम की कमी से हाथों और पैरों में संवेदनशून्यता, मांसपेशियों में मरोड़ से उठा दर्द, शरीर अकड़ना, काफी नींद आना, भूख न लगना और ह्रदय सम्बन्धी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसके विपरीत शरीर में कैल्शियम की अतिरिक्त मात्रा होने से गुर्दे में पथरी, नाज़ुक कोशिकाओं का कैल्सिफिकेशन तथा दिल की कई बीमारियां होने का ख़तरा काफी बढ़ जाता है

कैल्शियम की कमी को दूर करने वाले भोजन 

कैल्शियम की कमी की स्थिति में कैल्शियम से युक्त मुख्य भोजनों में मुख्यतः दही और पनीर मुख्य माने जाते हैं, परन्तु सिर्फ दूध वाले उत्पाद ही कैल्शियम से भरपूर नहीं होते अपितु पत्तेदार सब्ज़ियाँ, समुद्री भोजन, लेग्युम्स (legumes) और फलों में भी कैल्शियम होता है।
आइये जाने कुछ और स्त्रोतों के बारे में —-

काले रंग का गुड़

काले रंग का गुड़ कैल्शियम, आयरन और अन्य विटामिनों से काफी भरपूर होता है। इससे पुरानीसे पुरानी खांसी भी दूर हो जाती है यह खाने में काफी मीठा होता है तथा आप इसका प्रयोग कई मीठे व्यंजनों में आसानी से कर सकते है। काले गुड़ की सहायता से Brown sugar भी बनाया जा सकता है।

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बादाम

बादाम में हमारे शरीर के लिए रोज़ाना के लिए ज़रूरी कैल्शियम की मात्रा का एक काफी बड़ा भाग पाया जाता है। यह वसा और प्रोटीन से भरपूर होता है इससे स्वास्थ्य में काफी सुधार आता है। इसमें दर्द को प्राकृतिक रूप से दूर करने के गुण होते हैं। यह न सिर्फ वज़न घटाने में आपकी सहायता करता है बल्कि दिल के दौरे की संभावना को काफी कम कर देता है।

गहरे हरे रंग की सब्जियों

इसके अलावा गहरे हरे रंग की सब्जियों ब्रोकली हरे पत्तेदार सब्जियाँ पालक सरसों , मेथी ,चौलाई बथुआ , सलाद आदि। आप इन्हें कच्चा खा सकती हैं, या फिर इनका सूप या रस बनाने में प्रयोग कर सकती हैं। इनका प्रयोग इनकी रोटी बनाकर आते में गूँधकर या अन्य सब्ज़ियों के साथ मिश्रित करके पकाने में भी किया जा सकता है।
इन सब्ज़ियों का सेवन करने से आपके रोज़ाना के खानपान में काफी मात्रा में कैल्शियम की मात्रा जुड़ जाती है। ये सब्ज़ियाँ हमारे nervous system के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। इनके सेवन से आपके रक्तचाप (blood pressure) का स्तर सामान्य बना रहता है एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी मज़बूती होती है।
सोया मिल्क कैल्शियमकएक अच्छा स्त्रोत माना जाता है।

सूखे अंजीर

सूखे अंजीर में एंटी ऑक्सीडेंट, फाइबर और कैल्शियम मौजूद होते हैं। आप इनका सुबह के समय सेवन कर सकते हैं, या फिर इनका जैम (jam) बनाने में प्रयोग कर सकते हैं, जिसे बाद में ब्रेड (bread) में लगाकर काफी स्वादिष्ट भोजन सकते है। इनका सेवन करके अपने स्वास्थ्य को काफी बेहतर बना सकते हैं।

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संतरा, आंवला , नीबूं सिट्रिक फल

संतरा, आंवला , नीबूं सिट्रिक फल है जिसमें विटामिन सी की प्रचुर मात्रा होती है,इन में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते है जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायता करते है। यह कई तरह से उपयोगी फल है जिसमें कैल्शियम भी पर्याप्त रूप से मौजूद होता है। कैल्शियम की पूर्ति के लिए इनका प्रयोग लाभदायक होता है
हरे या लाल चौलाई के पत्ते भारतीय सब्जी का एक खास अंग हैं जो लगभग हर प्रदेश में पाया और इस्तेमाल किया जाता है इसके पत्तों में कैल्शियम की बड़ी मात्रा पाई जाती है।

तिल

तिल के सफ़ेद व् काले दानें कैल्शियम की भरपूर मात्रा से सेहत को बेहतर रखने में मदद करते हैं, तिल में फैटी एसिड के साथ कैल्शियम भी प्रचुर मात्रा में होता है। इसका प्रयोग विभिन्न तरह से मीठे या नमकीन व्यंजन बनाने प्रयोग किया जाता है।इसलिए सर्दियों में तिल के लड्डू व् गजक बहुतया में प्रयोग किये जाते है

दही

दही में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है जो दांतों और हड्डियों के लिए बहुत फायदेमंद है। ऐसी महिलाएं जो 40 की उम्र पार कर चुकी हैं उनके लिए कैल्शियम की पूर्ति में दही का इस्तेमाल नियमित आहार के साथ किया जाना चाहिए। इसे रायते और चटनी के रूप में भी खाया जा सकता है,इसे हल्के मीठे /नमकीन छाछ की तरह भी लिया जा सकता है।

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