अपान वायु मुद्रा के लाभ Benefits of ApaanVaayu Mudra

682
apaan vaayu mudra
apaan vaayu mudra

अपान वायु मुद्रा

तर्जनी ऊँगली को मोड़कर उसका अग्र भाग अंगूठे के जड़ से लगाए ,अब मध्यमा और अनामिका के अग्र भाग को अंगूठे के अग्र भाग से मिलाये। या कहे कि –

अपान मुद्रा और वायु मुद्रा दोनों को एक साथ मिलाकर करने से यह मुद्रा बनती है। इसमें कनिष्ठा अंगुली सीधी होती है। इसका अभ्यास 15 -15  मिनट सुबह शाम करे।

 

अपानवायुमुद्रा के लाभ 

 

  • जिनको हाथो पैरों में अधिक पसीना आता है ,वह इस मुद्रा के प्रभाव से बंद हो जाता है।
  • हिचकी व् पलको का फड़फड़ाना बंद हो जाता है।
  • कमर दर्द,गर्दन दर्द ,पेट दादर ,कब्ज़ ,सूजन ,दमा ,गुर्दे की पथरी के लिए यह मुद्रा अत्यंत लाभकारी है।
  • मानसिक तनाव ,रक्त के संचयन की गड़बड़ी इस मुद्रा के नियमित अभ्यास द्वारा ठीक होती है।
  • शरीर के विजातीय तत्व व् मल आदि दूर होते है
  • ह्रदय रोगों और वात दोष से होने वाले रोगों को दूर करती है।
  • कमजोर दिल वाले लोगों को इसे रोज करना चाहिए। दिल का दौरा पड़ते ही इस मुद्रा को करने से आराम मिलता है।
  • वैट ,पित्त ,गैस की समस्या दूर करता है।
  • खाना कटे
  • सिरदर्द, अस्थमा एवं उच्च रक्तचाप  में लाभकारी है।
  • सीढियां चढ़ने से पहले 5-7 मिनट इस मुद्रा को करें। इससे चढ़ने में आराम मिलता है।
इसे भी पढ़ेंः    छुआरा के अदभुत लाभ - Amazing Benefits and Uses Of Dry Dates
कृपया ध्यान दें उपलब्ध सभी साम्रगी केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। Read More