सिंघाड़ा में आयोडीन की मात्रा अधिक होती है जो समस्त गले के रोगों में लाभकारी है।
सूखे सिंघाड़ा के आटे का हलवा कुछ दिन खाने से श्वेत प्रदर (सफ़ेद पानी आना ) दूर होता है।
सूखे सिंघाड़ा के आटे की रोटी नित्य ७ दन तक खाने से भी श्वेत प्रदर (सफ़ेद पानी आना ) दूर होता है।
नीबूं के ताज़े रस की खछ बूंदो में सिंघाड़ा घिस कर कुछ दिन लगाने से एक्ज़िमा दूर होता है, ऐसे लगाने पर पहले कुछ जलन होगी पर बाद में ठंडक मिलती है।
सूखे सिंघाड़ा के आटे की फक्की खा कर ऊपर से दूध पीने से वीर्य में वृद्धि होती है।
कृपया ध्यान दें उपलब्ध सभी साम्रगी केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें।
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