सदाबहार को पेरिविंकल फूल (विंका माइनर) जिसे वानस्पतिक नाम विंका से भी जाना जाता है।
हालाँकि इसके सुंदर फूलों के लिए अक्सर इसकी प्रशंसा की जाती है, जो हल्के नीले से लेकर गहरे बैंगनी रंग तक किसी भी रंग के हो सकते हैं, इस पौधे का ऐतिहासिक रूप से कई स्वास्थ्य संबंधी उपयोगों के लिए भी उपयोग किया जाता रहा है, विशेष रूप से यूरोप और एशिया में, विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए उपयोग का एक लंबा इतिहास है। इसका उपयोग गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं, सर्दी और खांसी के इलाज के लिए किया जाता है। लेकिन इसका उपयोग केवल सावधानी से और डॉक्टर की देखरेख में किया जाना चाहिए क्योंकि इसमें ऐसे पदार्थ होते हैं, जो बड़ी मात्रा में खतरनाक हो सकते हैं।
सदाबहार की पत्तियों व फूलों के फायदे (Sadabahar Leaves and flower Benefits in Hindi)
डायबिटीज मरीजों के लिए रामबाण सदाबहार
कुछ शोधों के अनुसार सदाबहार की पत्तियों का रस मधुमेह के इलाज में उपयोगी हो सकता है। सदाबहार में एल्कलॉइड नामक तत्व शरीर में इंसुलिन के निर्माण के लिए सहायक होते है। जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं, डायबिटीज या मधुमेह के मरीजों को सदाबहार की पत्तियों का रस सुबह के समय पीना बहुत फायदेमंद माना जाता है। लेकिन इसे पीने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।
उच्च रक्तचाप (ब्लड प्रेशर ) की समस्या में उपयोगी
सदाबहार का उपयोग उच्च रक्तचाप ( हाई ब्लड प्रेशर ) को कंट्रोल के लिए बहुत फायदेमंद होता है। सदाबहार की पत्तियों का रस पीने से ब्लड प्रेशर में कमी आती है, फिर भी सदाबहार की पत्तियों का रस पीने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले।
सदाबहार की पत्तियां कैंसर में फायदेमंद
सदाबहार में 400 से अधिक एल्कलॉइड पाए गए हैं। विन्क्रिस्टाइन और विन्ब्लास्टाइन, दो सबसे प्रसिद्ध एल्कलॉइड, दोनों का उपयोग कैंसर के लिए कीमोथेरेपी में किया जाता है। और यह कैंसर की कोशिकाओं को रोकने का कार्य करते हैं।
घाव को भरने में लाभकारी
सदाबहार में मौजूद कड़वापन के गुण होने के कारण इसका उपयोग अत्यधिक रक्तस्राव और रक्तस्राव को ठीक करने के लिए किया जाता था। पौधे की पत्तियां को घिसकर घाव के ऊपर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है। यह गहरे घावों के दर्द को शांत करने में मदद कर सकता है।
गठिया के इलाज में लाभदायक
सदाबहार में पाए जाने वाले एल्कलॉइड और अन्य पदार्थों के कारण यह गठिया जैसी सूजन संबंधी बीमारियों के इलाज के लिए फायदेमंद होता है और इसमें सूजन संबंधी बीमारियों के प्राकृतिक उपचार के रूप में क्षमता भी है।
मासिक धर्म में लाभदायक
कुछ पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों द्वारा मासिक धर्म में असुविधा को कम करने के लिए सदाबहार के पत्तो का प्रयोग किया जाता था।
सदाबहार की पत्तियों के रस का उपयोग ततैया के डंक के इलाज के लिए किया जाता है।
सदाबहार का उपयोग कैसे करें?
वैसे तो सदाबहार की ताजी पत्तियों को सीधे चबाया जा सकता है मगर सदाबहार की पत्तियों का जूस बनाकर या फिर इसकी पत्तियों और फूलों की पंखुड़ियों को उबालकर काढ़ा बना कर भी पी सकते है।
सदाबहार को इस्तमाल करते समय बरते सावधानी
सदाबहार की पत्तियों के प्रयोग से कब्ज, बालों के झड़ने, कमजोरी, दर्द होना और बहुत अधिक सेवन से मतली, उल्टी, सिरदर्द और बुखार भी हो सकता है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों को सदाबहार के उपयोग ज्याद सावधानी बरतनी चाहिए।
इसके प्रयोग से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करे।
बहुत आसानी से घर पर ही लगाए सदाबहार का पौधा बीज से।