रक्षा बंधन पर भद्रकाल का नहीं चंद्र ग्रहण का रखें ध्यान, केवल कुछ ही घंटे है शुभ मुहूर्त

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रक्षा बंधन पर भद्रकाल का नहीं चंद्र ग्रहण का रखें ध्यान, केवल कुछ ही घंटे है शुभ मुहूर्त
रक्षा बंधन पर भद्रकाल का नहीं चंद्र ग्रहण का रखें ध्यान, केवल कुछ ही घंटे है शुभ मुहूर्त

रक्षा बंधन भाई और बहन का बहुत की पावन त्यौहार है, इस दिन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है , जिसके लिया हमेश ही एक शुभ महूर्त होता है, इस मुहूर्त के दौरान ही राखियां बांधी जाती हैं, लेकिन बताया जा रहा है कि इस बार राखी बांधने के समय को लेकर लोगों में संशय बना हुआ है। हर बार रक्षाबंधन के दौरान भद्रकाल का ध्यान रखा जाता है। भद्रकाल के दौरान बहन, भाई को राखी नहीं बांधती है क्योंकि कहा जाता है कि सूर्पनखा ने अपने भाई रावण को भद्रा में ही राखी बांधी थी, और इसी वजह से रावण का विनाश हुआ था, यह भी एक बड़ी वजह है कि इस दौरान बहनें अपने भाई के हित को देखते हुए राखी नहीं बांधतीं। ऐसे में भद्रकाल से पहले या उसके टलने के बाद ही राखी बांधी जाती है।

लेकिन इस रक्षाबंधन यानी 7 अगस्त को भद्रकाल से ज्यादा चंद्र ग्रहण का डर है। इस बार रक्षा बंधन पर चंद्रग्रहण का साया पड़ रहा है, जो चंद्रग्रहण से नौ घंटे पहले यानी सोमवार दोपहर 1:53 बजे से सूतक लग रहा है। और ठीक इससे पहले भद्रा का असर होगा , सूतक और भद्रा दोनों में ही शुभ कार्य करना वर्जित है।  इस लिए सुबह 11.07 बजे से बाद दोपहर 1.50 बजे तक रक्षा बंधन हेतु शुभ समय है।

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