वायुमुद्रा के लाभ Benefits of Vaayu Mudra

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वायुमुद्रा के लाभ  Benefits of Vaayu Mudra 

इसे करने के लिए तर्जनी अंगुली को अंगूठे के निचले हिस्से में लगाकर अंगूठे को हल्का दबाकर रखना होता है। बाकी तीनों अँगुलियों को सीधा रखना चाहिए।इसका अभ्यास वज्रासन में अधिकउपयोगी है तथा इसका अभ्यास 15 से 45 मिंट तक करना चाहिए।

 

वायुमुद्रा के लाभ —-

  • इसे नियमित अभ्यास से  वायु संबंधी रोगों जैसे कि गठिया, आर्थराइटिस, लकवा आदि में आराम मिलता है।
  • साइटिका, घुटने के दर्द ,काँपना और  गैस आदि में आराम मिलता है।
  • वायु विकार शरीर केकिसी भी भाग में हो जाता है इस मुद्रा से हिचकी डकार आना  गैस आदि में आराम मिलता है।
  • गर्दन और रीढ़ की हड्डी के दर्द से आराम दिलाती है।
  • कमर दर्द ,पैरो में जलन आदि में आराम मिलता है।
  • रक्त प्रवाह से जुड़े विकार  दूर होते हैं।
  • हृदय रोग ,रक्त चाप,उलटी  आदि में इस मुद्रा से आराम मिलता है।
  • मन की चंचलता दूर होती है।

 

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कृपया ध्यान दें उपलब्ध सभी साम्रगी केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। Read More