अपानमुद्रा के लाभ Benefits of Apaan Mudra

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अपान मुद्रा

अंगूठे, मध्यमा (बीच वाली अंगुली) और अनामिका के ऊपरी हिस्से (आगे वाले हिस्से) को आपस में मिलाये  और बाकी दो अँगुलियों को सीधा रखें। इसका अभ्यास 15 से 45  मिनट तक  करे।

 

अपानमुद्रा के लाभ 

  • इस मुद्रा शुद्धिकरण करती है।
  • मूत्र में रुकावट होने पर यह मुद्रा तुरंत आराम देती है।
  • सिरदर्द गैस दमा उच्च व् निम्न रक्तचाप में यह मुद्रा लाभ देती है।
  • शरीर से हानिकारक तत्व बाहर निकलते हैं और शरीर शुद्ध होता है।
  • कब्ज़, बवासीर, डायबिटीज, किडनी से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।
  • दांतों से जुड़े रोगों में लाभकारी है।
  • पेट के लिए फायदेमंद है।
  • हृदय  से जुड़े रोगों में लाभकारी है।
  • हार्मोनल सम्बंधित गड़बड़ी को दूर करती है।
  • मासिक धर्म के समय होने वाली दर्द से आराम पहुँचती है।
  • यूरिन  के समय होने वाली जलन दूर करने से सहायक है।
  • गर्भाशय या नाभि अपने स्थान से हट जाये तो यह मुद्रा लगाए इससे वह  अपने स्थान पर आ जाती है।

 

सावधानी :

इस बात का ध्यान रखें कि इसे करने से ज्यादा पेशाब होता है।

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