विटामिन डी के लक्षण
विटामिन डी, कैल्शियम का बना होता है जब त्वचा जब धूप के संपर्क में आती है तो शरीर में विटामिन डी निर्माण की प्रक्रिया आरंभ होती है।विटामिन डी की मदद से कैल्शियम को शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी होता है। इसके अभाव में हड्डी कमजोर होती हैं व टूट भी सकती हैं। छोटे बच्चों में यह स्थिति रिकेट्स कहलाती है जबकि व्यस्कों में हड्डी के मुलायम होने को ऑस्टियोमलेशिय।कहते हैं। इसके अलावा, हड्डी के पतला और कमजोर होने को ऑस्टियोपोरोसिस कहते हैं।
विटामिन डी कैल्शियम, मैग्नीशियम, और फॉस्फेट जैसे अन्य पोशक तत्वों को आंतों द्वारा अवशोषित होने में मदद करता है,इसलिए यह सबके लिए जरूरी है।शहरी लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव की वजह से हम विटाामिन डी का सेवन कम कर रहे हैं,आज कल के तौर-तरीके में हम ज्यादा से ज्यादा समय बंद कमरों में AC में गुजारते हैं।
सूर्य की धूप विटामिन डी का सबसे बड़ा स्रोत है,विटामिन डी की 90 फीसदी प्राप्ति हम धूप से करते हैं।
लेकिन हमे इनकी कमी के कारण इन समस्याओं का सामना करना पड़ता है .
विटामिन डी की कमी के लक्षण
- थकावट और कमजोरी रहना
- जोड़ों और हड्डियों में दर्द रहना
- तनाव और डिप्रेशन महसूस होना
- ब्लड प्रेशर बढ़ना
- मूड पर असर
- चेहरे और हाथों पर झुर्रियां पड़ना
- मांशपेशियों में कमजोरी महसूस होना
- बहुत ज्यादा नींद आना
विटामिन डी के लिए क्या खाना चाहिए
- धूप- विटामिन डी का सबसे अच्छा और प्राकृति स्रोत धूप है
- अंडे की ज़र्दी
- गाय के दूध में
- गाय के दही,मक्ख़न
- संतरा
- मशरूम
- मछली