वरुण मुद्रा करने का तरीका
- कनिष्ठा अंगुली को अंगूठे से लगाकर रखें।
- सबसे पहले, आराम से बैठें।
- अब दोनों हाथों की छोटी उंगली को अंगूठे के आधार पर रखें।
- अन्य उंगलियों को सीधा रखें।
- इस मुद्रा को करने के लिए कोई निश्चित समय नहीं है।
- यह मुद्रा आप कभी भी कर सकते हैं।
वरुणमुद्रा के लाभ
- इसे करने से शरीर का रूखापन ख़त्म होता है और त्वचा चमकीली और मुलायम बनती है।
- चर्म रोग और रक्त से जुड़े रोगों में फायदेमंद है।
- मुहांसे दूर करती है।
- जल तत्व की कमी से होने वाले रोग दूर होते हैं।
- चेहरे की सुन्दरता बढ़ती है।
वरुण मुद्रा करने में क्या सावधानी
इस बात का ध्यान रखें कि आपको अपनी छोटी उंगली के नाखून के पास दबाव नही बनाना है। इससे शरीर में पानी का स्तर संतुलित होने की बजाए असंतुलित हो सकती है।
कृपया ध्यान दें उपलब्ध सभी साम्रगी केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें।
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