बड़े काम की है पुदीने की पत्त‍ियां – Health Benefits of Mint

719

ताजा हरा पुदीना अधिक गुणकारी व विटामिन ‘ए’ से भरपूर होता है। साथ ही इसका स्वाद व सुगंध भोजन को स्वादिष्ट व रुचिकर बनाता है। पुदीना को घरों में उपलब्ध छोटी-सी जगह, जैसे गमलों आदि में आसानी से उगाया जा सकता है। यह भारत में सर्वत्र लगाया जाता है। घरों में पुदीने की चटनी बनाई जाती है। ताजा पुदीना न होने पर इसके पत्तों को सुखाकर उपयोग में लाया जा सकता है। पुदीने का अर्क या सत विशेष तौर पर औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

पुदीना कटु, उष्ण वीर्य, दीपन, रोचक, पाचक तथा कफ, वायु, उल्टी, पेटदर्द, आफरा और कृमि का नाशक है। इसका वातनाशक धर्म बहुत मूल्यवान है। यूनानी मत के अनुसार पुदीना आमाशय को शक्ति देने वाला, पसीना लाने में सहायक बताया गया है। गर्भाशय को उत्तेजित करनेवाला गुण भी इसमें होता है। यह मासिक धर्म के अवरोध को दूर कर देता है।

अपने दांत की देखभाल करने में पुदीना आपकी मदद कर सकता है. वे दांत की स्वच्छता के लिए अच्छे हैं सबसे पहले, पुदीना आपकी सांस को ताज़ा करती है जो इसकी विशेषता है। पुदीना भी रोगाणुओ से रक्षा करता है पुदीना मुंह में बैक्टीरिया के विकास को रोकता है और दांतों और जीभ को साफ करता है

इसे भी पढ़ेंः    होममेड दाल मखनी रेसिपी - Dal Makhani

पुदीना के अर्क को अपने उत्पादों में मुख्य घटक के रूप में इस्तेमाल करते हैं। जहाँ चोट लगी हो या दर्द हो रहा हो, तो यह तुरंत एक ठंडा प्रभाव प्रदान करता है। यह दर्द कम करने में मदद करता है एक और तरीका है पुदीने से निकालने वाली वाष्प को श्वास के द्वारा लेना (inhale the fumes of mint extract)। यह तंत्रिकाओं को शांत करता है और पूरे शरीर को एक आराम महसूस करता है। यह अप्रत्यक्ष रूप से दर्द और सिरदर्द से जुड़ी मितली को दूर करता है।

पुदीना खुजली और संक्रमित त्वचा को ठीक करती है। इसमें एंटी इन्फ्लामेंट्री और एंटी बैक्टीरियल गुण होते है जो मुँहासे के कारण त्वचा पर बने गड्डो को हटाने में मदद करता है, और अक्सर कई cleansers, toners और कुछ होंठ बाम में भी प्रयोग किया जाता है। पुदीना में salicylic acid की एक उच्च सामग्री होती है जो कि मुंहसो को रोकने में मदद करती है और ब्लैकहैड्स से छुटकारा पाने में भी मदद करती है।

पुदीने से उपचार

* पेटदर्द और अरुचि में 3 ग्राम पुदीने के रस में जीरा, हींग, कालीमिर्च, कुछ नमक डालकर गर्म करके पीने से लाभ होता है।

* प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है।

इसे भी पढ़ेंः    सुबह नंगे पैर हरी घास पर चले और देखे इसके फायदे। ........ walk barefoot on grass and see the result .....

* बिच्छू या बर्रे के दंश स्थान पर पुदीने का अर्क लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है।
पुदीने के पत्तों को पीसकर शहद के साथ मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से अतिसार सें राहत मिलती है।
* हैजे में पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है। उल्टी-दस्त, हैजा हो तो आधा कप पुदीना का रस हर दो घंटे से रोगी को पिलाएँ।

* आंत्रकृमि ( पेट में कीड़े )में पुदीने का रस दें।

* अजीर्ण (बदहजमी )होने पर पुदीने का रस पानी में मिलाकर पीने से लाभ होता है।

* पैरों के  तलवे में गर्मी के कारण आग पड़ने पर पुदीने का रस लगाना लाभकारी होता है।

* हरे पुदीने की 20-25 पत्तियाँ, मिश्री व सौंफ 10-10 ग्राम और कालीमिर्च 2-3 दाने इन सबको पीस लें और सूती, साफ कपड़े में रखकर निचोड़ लें। इस रस की एक चम्मच मात्रा लेकर एक कप कुनकुने पानी में डालकर पीने से हिचकी बंद हो जाती है।

* ताजा-हरा पुदीना पीसकर चेहरे पर बीस मिनट तक लगा लें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धो लें। यह त्वचा की गर्मी निकाल देता है।

* हरा पुदीना पीसकर उसमें नींबू के रस की दो-तीन बूँद डालकर चेहरे पर लेप करें। कुछ देर लगा रहने दें। बाद में चेहरा ठंडे पानी से धो डालें। कुछ दिनों के प्रयोग से मुँहासे दूर हो जाएँगे तथा चेहरे की कांति खिल उठेगी।

इसे भी पढ़ेंः    पुदीना गट्टा Mint Gatta Recipe

* पुदीने का सत निकालकर साबुन के पानी में घोलकर सिर पर डालें। 15-20 मिनट तक सिर में लगा रहने दें। बाद में सिर को जल से धो लें। दो-तीन बार इस प्रयोग को करने से बालों में पड़ गई जुएँ मर जाएँगी।

* पुदीने के ताजे पत्तों को मसलकर मूर्छित व्यक्ति को सुंघाने से मूर्छा दूर होती है।

*हैजे में पुदीना, प्याज का रस, नींबू का रस बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर पिलाने से लाभ होता है। उल्टी-दस्त, हैजा हो तो आधा कप पुदीना का रस हर दो घंटे से रोगी को पिलाएँ।

पुदीना के नुकसान

कई जड़ी-बूटियों की तरह, पुदीना का भी कुछ लोगों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है
*यदि आपको गैस्ट्रोएफेजील रिफ्लक्स रोग (astroesophageal reflux disease) से संबंधित कई बीमारी हैं, तो पाचन समस्या को शांत करने के प्रयास में पुदीने का उपयोग न करें। यह लक्षणों को और खराब कर सकता है
*पेपरमिंट ऑयल अगर बड़ी मात्रा में लिया जाता है, तो नुकसानदायक हो सकता है।
*एक शिशु या छोटे बच्चे के चेहरे पर पेपरमिंट ऑयल न लगायें, क्योंकि यह श्वास को रोक सकता है।
*पित्त की पथरी होने पर पुदीना उत्पादों के साथ सावधानी बरतें।

कृपया ध्यान दें उपलब्ध सभी साम्रगी केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें। Read More