Gout Arthtiris यानि गठिया का एक प्रकार है| गिलोय के anti inflammatory और anti arthritic गुण ना केवल आपको गठिया को कम करने में मदद करते हैं बल्कि यह हर्ब आपको गठिया के लक्षण जैसे दर्द, सूजन, जोड़ो में दर्द और गठिया के attack आदि से भी बचाए रखती है|
अगर आप में से कोई वातरोगी गठिया से पीड़ित है तो आपको गिलोय का सेवन अवश्य ही करना चाहिए।
गिलोय गाउट को राहत देने के लिए, अरंडी के तेल के साथ प्रयोग किया जा सकता है।
गठिया के इलाज के लिए, यह घी के साथ भी प्रयोग किया जाता है।
यह रुमेटी गठिया का इलाज करने के लिए अदरक के साथ प्रयोग किया जा सकता है।
यदि आप मधुमेह के रोगी हैं तब गिलोय आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं क्योंकि इसमें sugar घटने वाले गुण पाए जाते हैं| गिलोय का नियमित सेवन टाइप 2 diabetes वाले रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है| आप रोजाना गिलोय का juice पी कर अपने sugar को घटा सकते हैं|
मानसिक तनाव, चिंता, भय, अवसाद, असंतुलित खान पान आदि आपके पाचन को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं| गिलोय में depression, stress और digestion दूर करने वाले गुण होते हैं |
यह रक्तचाप और लिपिड के स्तर को कम कर सकता है।
गिलोय आपके शरीर की इम्युनिटी यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है जिसके फलसवरूप आपको सर्दी जुखाम और दूसरी कई घातक बीमारियों से बचने में मदद मिलती है|
गिलोय में anti-ageing, antioxidant, और skin friendly गुण पाए जाते हैं चेहरे पर झाइयाँ, मुंहासे, काले धब्बे, acne, pimples, wrinkles, fine lines ,एक्जिमा आदि गिलोय के रस को लगाने से सब त्वचा रोग ठीक हो जाते हैं।
यह हर्ब आपके शरीर को detoxify यानि साफ़ करती है और आपके गुर्दों, लीवर और शरीर से हानिकारक तत्वों को दूर करने में मदद करती है|
गिलोय की बेल को टुकड़े-टुकड़े करके, उनका रस निकालकर इस्तेमाल किया जाता है। इसका रस कड़वा और कसैला होता है।
इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं सर्दी जुकाम, बुखार आदि में एक अंगुल मोटी व 4 से 6 इंच लम्बी गिलोय का तना लेकर 400 मि.ली पानी में उबालें, 100 मिली रहने पर पिएं।
इसके के तने से बनाये गए पाउडर को दूध में मिला कर पीने से गठिया के रोगियों को बहुत राहत मिलती है |
गिलोय में ज्वर हटानेवाली औषधि गुण पाए जाते हैं इसलिए इस हर्ब को बुखार कम करने वाली आयुर्वेदिक दवाइयों में इस्तेमाल किया जाता है|
गिलोय को शहद के साथ लेने से मलेरिया का बुखार भी दूर हो जाता है|
चिकनगुनिया जैसे वायरल बुखार के ठीक होने के बाद भी मरीज महीनों तक जोड़ों के दर्द से परेशान रहते है इस स्थिति में गिलोय की पत्तियों से बना काढ़ा लाभ करता है | इसमें 10-20 मि.ली. अरंडी के तेल को मिलाकर पीने से और भी लाभ मिलता है |