फ्रिज में रखा गूंथा आटा है आपके लिए हानिकारक
लगभग सभी भारतीय अपने भोजन में रोटी को खास तौर पर शामिल करते हैं। दिन हो या रात घर की महिलाएं गरम-गरम रोटी खाने के साथ परोसती हैं। इसके लिए कभी-कभार महिलाए आटे को पहले से ही गूंथ कर रख लेती हैं ताकि जब रोटी खानी तो आटा गूंथने का झंझट न रहे।
ज्यादातर महिलाएं आटा गूंथ कर फ्रिज में रख देती हैं या फिर रोटी बनाने के बाद जो आटा बच जाता है उसे फ्रिज में रख देती हैं, ताकि रात के वक्त रोटी बनाने के लिए दोबारा आटा गूथने में उनका समय बर्बान न हो। ऐसा करनेवाली महिलाएं शायद यह नहीं जानती हैं कि फ्रिज में गूंथा हुआ आटा रखना कितना नुकसानदायक साबित हो सकता है।
वैसे हमे लगता है अक्सर गृहणियों की आदत होती है कि वह आटा बच जाने पर उसे फ्रिज में रख देती है ताकि बाद में उपयोग कर सके। कभी कभी तो आटा गलती से बच जाता है लेकिन कुछ लोग तो इतने आलसी होते है कि दिन में दो बार आटा ना गूंथना पड़े तो ढेर सार आटा गूंथ कर फ्रिज में पटक देते है। लेकिन क्या ऐसा करना सेहतमंद होता है? विशेषज्ञों कि माने तो आटा भिगोते ही तुरंत इस्तेमाल करना चाहिए वरना उसमे ऐसे रासायनिक बदलाव आते है जो सेहत के लिए बहुत हानिकारक हो सकते है। ऐसा आयुर्वेद में भी स्पष्ट कहा गया है। इसलिए फ्रिज का इस्तेमाल आटा रखने के लिए ना करे। कुछ ही दिन में ऐसी आदत बन जायेगी की जितनी रोटियाँ लगती है उतना ही आटा भिगोया जाए और इसमें ज़्यादा समय भी नहीं लगता। ताज़े आटे की रोटियाँ ज़्यादा स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है और आपकी सेहत पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ता। अगर आटा खमीरा हो जाए ओर जयादा पुराना हो तो उसे न खाए।
घर में गूंथा हुआ आटा फ्रीज में रखने की वृत्ति बन जाती है तब भूत इस पिंड का भक्षण करने के लिए घर में आने शुरू हो जाते हैं जो मृत्यु के बाद पिंड पाने से वंचित रह जाते हैं। ऐसे भूत और प्रेत फ्रीज में रखे इस पिंड से तृप्ति पाने का उपक्रम करते हैं।
जिन परिवारों में भी इस प्रकार की आदत है वहां किसी न किसी प्रकार के अनिष्ट, रोग-शोक और क्रोध तथा आलस्य का डेरा होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि बासी भोजन भूत भोजन होता है और इसे ग्रहण करने वाला व्यक्ति जीवन में रोग और परेशानियों से घिरा रहता है।