साल में दो बार आने वाली विशेष शिवरात्रि का हिंदू परंपरा में बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान है। फाल्गुन महीने में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। इसके अलावा दूसरी बार सावन महीने में कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को भी भगवान शंकर की आराधना के साथ शिवरात्रि मनाई जाती है।
शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के जलाभिषेक करने के लिए भक्त हरिद्वार,गौमुख से कांवड लेकर आते है और शिवलिंग पर चढ़ाते है। ऐसा माना जाता है कि सावन महीने की शिवरात्रि को दिन जो भी शिवभक्त मन से भगवान शिव की पूजा करते हैं उनके परेशानियों का निवारण बहुत जल्द होता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष महाशिवरात्रि का पर्व 01 मार्च, मंगलवार को पड़ रही है। चतुर्दशी तिथि मंगलवार की सुबह 03 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 02 मार्च, बुधवार को सुबह करीब 10 बजे तक रहेगी।
महाशिवरात्रि, भगवान शिव को भूलकर भी न चढ़ाएं ये चीजें
सिंदूर , हल्दी, तुलसी व् शंख का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर कमल, शंखपुष्प और बेलपत्र अर्पित करने से आर्थिक तंगी या धन की कमी के निजात मिलती है। शिवलिंग पर हमेशा उल्टा बेलपत्र अर्पित करना चाहिए। बेल पत्र का चिकना भाग अंदर की तरफ यानी शिवलिंग की तरफ होना चाहिए।