अदभुत समय में पड़ रहा है गंगा दशहरा – Ganga Dashahara
इस बार बहुत ही अदभुत समय में पड़ रहा है गंगा दशहरा – इस बार लंबे समय बाद गंगा दशहरे पर हस्त नक्षत्र पड़ रहा है। जो शनिवार 4 जून को दोपहर 1:26 बजे से रविवार 5 जून की सुबह 8:03 बजे तक रहेगा। गंगा दशहरे के दिन लोग गंगा-गोमती या फिर किसी पवित्र तीर्थ स्थान में स्नान और दान पुण्य करते हैं। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को हस्त नक्षत्र में मां गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इसी दिन भागीरथ उन्हें धरती पर लाए थे और इस दिन को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाने लगा। इस दिन गंगा नदी में खड़े होकर जो गंगा स्तोत्र पढ़ता है वह अपने सभी पापों से मुक्ति पाता है, स्कंद पुराण में दशहरा नाम का गंगा स्तोत्र दिया हुआ है गंगा दशहरा के दिन जो माँ गंगा नदी तक नहीं पहुँच सकते, वह पास के किसी तालाब, नदी या जलाशय माँ गंगा का ध्यान करते हुये गंगा दशहरा का पूजन संपन्न कर सकते है ।
गंगा दशहरा के दिन गंगा या किसी पवित्र जल में खड़े होकर ‘ओम नम: शिवाय, नारायनाय दशहराय गंगाये नम:’ का दस बार जाप करें। गंगा जी की पूजा में सभी वस्तुएँ दस प्रकार की होनी चाहिए, जैसे दस प्रकार के फूल, दस गंध, दस दीपक, दस प्रकार का नैवेद्य, दस पान के पत्ते, दस प्रकार के फल होने चाहिए।
यदि कोई व्यक्ति पूजन के बाद दान करना चाहता है तब वह भी दस प्रकार की वस्तुओं का करता है तो अच्छा होता है इस दिन किया गया कार्य पितरों के मोक्ष के लिए अच्छा होता है।