अहोई अष्टमी व्रत, जानें महत्व, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त – Ahoi Ashtami Puja

2022
Ahoi Ashtami Puja

करवा चौथ के चार दिन बाद कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को, अहोई अष्टमी का व्रत किया जाता है, इसे अहोई आठे के नाम से भी जाना जाता है, जिस वार की दीपावली होती है, अहोई आठें भी उसी वार की पड़ती है, अहोई अष्‍टमी सन्‍तान की मनोकामना का दिन होता है, इस दिन सन्‍तान के लिए लंबी आयु और सुख-समृद्धि मांगी जाती है।
इस व्रत को वे महिलाएं ही करती हैं, जिनके सन्तान होती हैं, यह व्रत संतान की लम्बी आयु, और सुखमय जीवन की कामना से किया जाता है, व्रत रखने वाली महिलाएं शाम को तारों और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना करती हैं, इसके बाद लड्डू, फल और पंचामृत का भोग लगाकर व्रत खोलती हैं संध्या के समय सूर्यास्त होने के बाद जब तारे निकलने लगते हैं तो अहोई माता की पूजा प्रारंभ होती है, पूजा के दौरान अहोई कलेंडर और करवा लेकर पूजा करते है, कथा सुननें के बाद अहोई की माला दिवाली तक पहननी चाहिए।

 

अहोई व्रत 2018 का शुभ मुहूर्त

  • अहोई अष्टमी तिथि आरंभ: 31 अक्टूबर को प्रातः 11 बजकर 10 मिनट से
  • अष्टमी तिथि समाप्त: 01 नवम्बर 2018 को प्रातः 09 बजकर 09 मिनट
  • पूजन का शुभ मुहूर्त: 31 को सायंकाल5बजकर 44 मिनट से सायंकाल 7 बजे तक
  • तारों को देखने का समय: 31 अक्टूबर को सायंकाल 06 बजकर 15 मिनट पर
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