धनतेरस पर ऐसे करें पूजा, चमक जाएगी किस्मत
दिवाली इस बार 19 अक्टूबर को है. दिवाली से पहले 17 अक्टूबर 2017 को धनतेरस का पर्व है. धनतेरस त्योहार पर नए बर्तन, सोना-चांदी खरीदना शुभ माना होता है. इस दिन भगवान धन्वन्तरि और कुबेर की पूजा की जाती है. कहा जाता है कि भगवान धन्वन्तरि अपने साथ अमृत भरा कलश और आयुर्वेद लिए जन्म लिया था.
धनतेरस का मतलब होता है कि धन माने समृद्धि और तेरस का मतलब तेरह होता है. इसका अर्थ ये हुआ कि इस दिन पूजा करने से आपका धन 13 गुना बढ़ जाता है. और वर्षभर घर में खुशियां बनी रहती है.
इन्हें ही औषधी का जनक कहा जाता है. इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है. इसीलिए धनतेरस आए उससे पहले हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस विधि और शुभ मुहूर्त में पूजा करने से भगवान की असीम कृपा बनी रहती है.
धनतेरस के दिन किसी भी धातू का खरीदना शुभ होता है. सामर्थ्य के अनुसार धनतेरस के दिन लोग सोना-चांदी भी खरीदते हैं और जो लोग सोना-चांदी नहीं खरीदते, वो बर्तन खरीद सकते हैं. इस दिन धन और यश प्राप्ति के लिए धन कुबेर के लिए घर के पूजा घर में दीपक जलाना चाहिए और मृत्यु के देवता यमराज के लिए घर के मुख्य द्वार पर भी दीपक जलाना चाहिए.
इस दिन निम्न चीजें अवश्य खरीदना शुभ माना जाता है
- पीतल के बर्तन का बहुत महत्व है।
- चांदी के लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति
- कुबेरजी की प्रतिमा
- लक्ष्मी या श्री यंत्र
- गोमती चक्र
- सात मुखी रुद्राक्ष
- धनिये के बीज
- कौड़ी और कमल गट्टा
- झाड़ू
- गूंजा
इस शुभ मुहूर्त पर करें पूजा
धनतेरस वाले दिन शाम 7.19 बजे से 8.17 बजे तक का है.
काल- सुबह 7.33 बजे तक दवा और खाद्यान्न.
शुभ- सुबह 9.13 बजे तक वाहन, मशीन, कपड़ा, शेयर और घरेलू सामान.
चर- 14.12 बजे तक गाड़ी, गतिमान वस्तु और गैजेट.
लाभ- 15.51 बजे तक लाभ कमाने वाली मशीन, औजार, कंप्यूटर और शेयर.
अमृत- 17.31 बजे तक जेवर, बर्तन, खिलौना, कपड़ा और स्टेशनरी.
काल- 19.11 बजे तक घरेलू सामान, खाद्यान्न और दवा.
शुभ- सुबह 9.13 बजे तक वाहन, मशीन, कपड़ा, शेयर और घरेलू सामान.
चर- 14.12 बजे तक गाड़ी, गतिमान वस्तु और गैजेट.
लाभ- 15.51 बजे तक लाभ कमाने वाली मशीन, औजार, कंप्यूटर और शेयर.
अमृत- 17.31 बजे तक जेवर, बर्तन, खिलौना, कपड़ा और स्टेशनरी.
काल- 19.11 बजे तक घरेलू सामान, खाद्यान्न और दवा.
धनतेरस पूजा / पूजन सामग्री Dhanteras Pujan
21 पूरे कमल बीज
मणि पत्थर के 5 प्रकार
5 पूरी सुपारी (रजत लक्ष्मी – गणेश के सिक्कों की एक संख्या (10 ग्राम या अधिक) अगरबत्ती, चूड़ी, तुलसी पत्र, पान, चंदन, लौंग, नारियल, सिक्के, काजल, दहीशरीफा. धूप, फूल , चावल , रोली, गंगा जल ( पवित्र जल ), माला, हल्दी, हनी, कपूर इत्यादि
- एक लकड़ी के बेंच पर रोली के माध्यम से स्वस्तिक का निशान बनाये।
- फिर एक मिटटी के दिए को उस बेंच पर रख कर जलाएं।
- दिए के आस पास तीन बारी गंगा जल का छिडकाव करें।
- दिए पर रोली का तिलक लगायें। उसके बाद तिलक पर चावल रखें।
- दिए पर थोड़े फूल चढायें।
- दिए में थोड़ी चीनी डालें।
- इसके बाद 1 रुपये का सिक्का दिए में डालें।
- परिवार के सदस्यों को तिलक लगायें।
- दिए को प्रणाम करें।
- अब दिए को अपने घर के गेट के पास रखें। उसे दाहिने तरह रखें और यह सुनिश्चित करें की दिए की लौं दक्षिण दिशा की तरफ हो।
- इसके बाद यम देव के लिए मिटटी का दिया जलायें और फिर धन्वान्तारी पूजा घर में करें।
- अपने पूजा घर में भेठ कर धन्वान्तारी मंत्र का 108 बार जाप करें। “ॐ धन धनवंतारये नमः
- जब आप 108 बारी मंत्र का जाप कर चुके होंगे तब इन पंक्तियों का उच्चारण करें “है धन्वान्तारी देवता में इन पंक्तियों का उच्चारण अपने चरणों में अर्पण करता हूँ।
- धन्वान्तारी पूजा के बाद भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पंचोपचार पूजा करना अनिवार्य है।
- भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के लिए मिटटी के दियें जलाएं। धुप जलाकर उनकी पूजा करें। भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के चरणों में फूल चढायें और मिठाई का भोग लगायें।
धनतेरस के दिन ये वस्तुये जरुर ख़रीदे (Dhanteras Shoping Tips in Hindi)
धनतेरस के दिन नई वस्तुये जरुर खरीदना चाहिए इस त्यौहार में मुख्य रूप से नए बर्तन या सोना-चांदी खरीदने की परंपरा है। आस्था के अनुसार भक्त सोना के आभूषण और पीतल के बर्तन खरीद सकते है कहा जाता है कि जन्म के समय धन्वंतरि जी के हाथों में अमृत का कलश था, इसलिए इस दिन बर्तन खरीदना अति शुभ मन गया है।
कृपया ध्यान दें उपलब्ध सभी साम्रगी केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें।
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