चन्द्रग्रहण – Moon Eclipse 2023
चंद्र ग्रहण एक खगोलीय घटना है, पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ घूमती है और चंद्रमा हमारी पृथ्वी का चक्कर लगाता है। इस प्रक्रिया में एक ऐसा समय आता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य एक ही सीध में आ जाते हैं और सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर पड़ता है, लेकिन चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता है। इसी स्थिति को चंद्र ग्रहण कहा जाता है। हालांकि, सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं, आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण। इस साल का यह दूसरा और अंतिम पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत के सभी राज्यों में दिखाई देगा।
चन्द्रग्रहण लगने का समय व टाइम
यह साल का आखरी चंद्र ग्रहण पुरे भारत में 28 अक्तूबर रात्रि 1 बजकर 6 मिनट से शुरू तथा 2 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। इस साल यह 2023 का आखिरी चंद्र ग्रहण होगा। भारत में इस पूर्ण चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटे 16 मिनट की होगी, जोकि भारत के सभी राज्यों में यह पूर्णतः दिखाई देगा।
साल के अंतिम चंद्र ग्रहण को भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, एशिया, हिंद महासागर, अटलांटिक, दक्षिणी प्रशांत महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में देखा जा सकेगा।
चन्द्रग्रहण सूतक का समय
28 अक्तूबर की दोपहर 4 बजकर 05 मिनट से शुरू है।
ग्रहण के समय पालनीय
- ग्रहण-वेध के पहले जिन पदार्थों में कुश या तुलसी की पत्तियाँ डाल दी जाती हैं, वे पदार्थ दूषित नहीं होते । जबकि पके हुए अन्न का त्याग करके उसे गाय, कुत्ते को डालकर नया भोजन बनाना चाहिए ।
- सामान्य दिन से चन्द्रग्रहण में किया गया पुण्यकर्म (जप, ध्यान, दान आदि) एक लाख गुना । यदि गंगा-जल पास में हो तो चन्द्रग्रहण में एक करोड़ गुना फलदायी होता है ।
- ग्रहण-काल जप, दीक्षा, मंत्र-साधना (विभिन्न देवों के निमित्त) के लिए उत्तम काल है ।
- ग्रहण के समय गुरुमंत्र, इष्टमंत्र अथवा भगवन्नाम जप अवश्य करें, न करने से मंत्र को मलिनता प्राप्त होती है।