सेंधा नमक के फायदे और उपयोग – Benefits and Uses of Sendha Namak (Rock Salt)
आज से कुछ वर्ष पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था सब सेंधा नमक ही खाते थे !उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को ‘सेंधा नमक’ या ‘सैन्धव नमक’, लाहोरी नमक आदि आदि नाम से जाना जाता है ! जिसका मतलब है ‘सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ’।
सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप और बहुत ही गंभीर बीमारियों पर नियन्त्रण रहता है ।! क्योंकि ये अम्लीय नहीं ये क्षारीय है (alkaline ) !! क्षारीय चीज जब अमल मे मिलती है तो वो न्यूटल हो जाता है ! और रक्त अमलता खत्म होते ही शरीर के 48 रोग ठीक हो जाते हैं ! ये नामक शरीर मे पूरी तरह से घुलनशील है ! और सेंधा नमक की शुद्धता के कारण आप एक और बात से पहचान सकते हैं कि उपवास ,व्रत मे सब सेंधा नमक ही खाते है
(1) सेंधा नमक हड्डियों को मजबूत रखता है।
(2) सेंधा नमक के सेवन से मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या ठीक होती है।
(3) सेंधा नमक का नियमित सेवन करने से अनिंद्रा की तकलीफ को दूर होती है।
(4) सेंधा नमक साइनस के दर्द को कम करता है।
(5) सेंधा नमक शरीर में शर्करा को शरीर के अनुसार ही संतुलित रखता है।
(6)इससे पाचक रस बढ़्ते हैं, पाचन तंत्र को ठीक रखता है।
(7) पित्त की पत्थरी व मूत्रपिंड को रोकने में सेंधा नमक और दूसरे नमकों से बेहद उपयोगी है।
(8) पानी के साथ सेंधा नमक लेने से रक्तचाप नियंत्रित रहता है।
(9) सेंधा नमक का सेवन दमा के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है।
(10 )सेंधा नमक वात, पित्त और कफ को दूर करता है
यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है । इससे पाचक रस बढ़्ते हैं,आयुर्वेद में इसको स्वास्थ्य रक्षक कहा जाता है।भारतीय खाने में और चिकित्सा में हाज़मे के लिए इस्तेमाल होने वाला काला नमक भी एक प्रकार का सेंधा नमक होता है।
कृपया ध्यान दें उपलब्ध सभी साम्रगी केवल पाठकों की जानकारी और ज्ञानवर्धन के लिए दी गई है। हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें।
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